The सफेद मूसली के लाभ Diaries
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महिलाओं की बॉडी पुरषों से काफी अलग होती है इसलिए हार्मोनल चेंज होने के कारण महिलाओं का शरीर ज़्यादा सेंसिटिव होता है। अगर आप भी मूड स्विंग, अनियमित पीरियड्स, कमर दर्द, कमज़ोरी जैसी समस्या से परेशान हैं तो आपको ज़रूर शतावरी का सेवन करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि क्या है शतावरी और इसके फायदे...
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सफेद मूसली में पाए जाने वाले पोषक तत्व :
सफ़ेद मूसली में सेपोनिन और सेपोजिनिन नाम के तत्व पाए जाते है। यह एक औषधीय पौधा है जिसकी लम्बाई ४० से ५० सेंटीमीटर तक की होती है। जो इलाकें गर्म होते है वहां इसकी खेती की जाती है जहाँ पुरे साल बारिश ६० से ११५ सेंटीमीटर होती हो।
इस बात के पर्याप्त प्रमाण मौजूद नहीं है कि सफेद मूसली का गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सेवन सुरक्षित है या नहीं, इसलिए इस दौरान सफेद मूसली के सेवन से परहेज करें। अगर आप इसका सेवन करना चाहती हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए Source ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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गर्भावस्था के दौरान सफेद मूसली का सेवन करने से महिला और होने वाला शिशु दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। गर्भवस्था के बाद भी सफेद मूसली के सेवन से महिलाओं में दूध की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान मूसली का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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इसलिए अपनी डाइट में काले चावल को जरूर शामिल करें.
क्या सफेद मूसली को खाली पेट लिया जा सकता है?
आयुर्वेद में कई प्रकार की बिमारियों का इलाज करने के लिए सफ़ेद मुसली इस्तेमाल की जाती है। स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में यह उपयोग में लायी जाती है। बीमारियां खत्म करना हो या सेक्स क्षमता बढ़ाना हो इसमें सफेद मूसली फायदा पहुँचाती है।
ग्रा.प्रति एकड़ का भू प्रयोग करना उचित होगा। वैसे यह पौधा किसी प्रकार की बीमारी अथवा प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से लगभग मुक्त है।
१ से २ ग्राम सफेद मूसली चूर्ण को दिन में दो बार लिया जा सकता है।